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Devdas

A humorous take on the life of a crossdresser whose life closely resembled the tragedy of Devdas. It’s a complicated love story where crossdressing often lands up the main character in trouble, but it saves him too!
If you have any feedback, please contribute your ideas in the comments section. All your feedback are welcome.
हिंदी में:
भाग १: घर में चोरी
भाग २: देवदास और पारो
भाग ३: ये कैसा प्यार है?
यदि इस कहानी को लेकर आपके कोई विचार है तो, कमेंट कर ज़रूर बताये!

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“मेरे प्यारे देवरजी आ गए! देखो तो कितने लम्बे हो गए हो तुम!”, मेरी प्यारी नेहा भाभी ने मेरे आते ही मुझे गले लगा लिया| और मैं भी अपनी खुबसूरत भाभी को देखते ही उनसे गले लिपट गया| नेहा भाभी बेहद ही सुन्दर थी, वैसी ही जिनके बारे में लोग सपने देख कर न जाने कैसी कैसी कहानियां लिखते है| सुन्दर चेहरा, दुबला पतला छरहरा बदन, भरे हुए स्तन, लम्बे बाल, कोई भी कमी न थी उनमे| वो आज हरी रंग की साड़ी पहनी हुई थी, जिसमे भूरे रंग की बॉर्डर थी| उनके छोटे आस्तीन वाले मैचिंग ब्लाउज में उनकी काया तो बस मंत्र-मुग्ध कर रही थी| उनके मुलायम स्तन गले लगाने पर जिस तरह मेरे सीने पे महसूस हो रहे थे, उन्हें छोड़ने का मन ही नहीं कर रहा था| पर मेरी भाभी थी वो! और मुझे उनका सम्मान करना चाहिए| मैं १०वी की परीक्षा के बाद गर्मी की छुट्टी बीताने तनुज भैया और नेहा भाभी के घर अभी अभी पहुंचा था| तनुज भैया मुझे  स्टेशन लेने आये थे| मुझे उनके यहाँ छुट्टी बीताना बड़ा पसंद था| आखिर नेहा भाभी मुझे इतना प्यार जो देती थी| भैया और भाभी की शादी को २ साल ही हुए थे और उन दोनों में अब भी नए शादीशुदा दंपत्ति वाली चमक थी| कोई भी मेरी भा...

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